दोस्तों आज मैं आपको बताने वाला हूं कि महुआ का दारू कैसे बनता है और इसके लाभ, यह शराब जो होता है महुआ का फूल से बनाया जाता जाता है है इसको इसको बनाने में कम से से कम 2 हफ्ते का समय लगता है यह ड्रिंक जो है स्पेशली गांव मिलता ट्राईबल मैं ट्राईबल मैं है और इसका कीमत काफी कम होते हैं अंग्रेजी शराब के मुकाबले तो आइए जानते हैं इसे कैसे बनाते हैं




इंडिया में गर्मी के मौसम में इनका फुल फूटता है जैसे ही हवा चलने लगती है तब इसका फूल जो है नीचे गिर जाता है तो वहां के लोग उसे चुन लेते हैं और उसे सुखा देते हैं और सूखने में इसे कम दिनसे 7 से 10 दिन लगता.


और जैसे ही यह फूल सूख जाता है अच्छी तरीके से उसे एक घड़ा में डाल दिया जाता है और पानी भी डाला जाता है ताकि वह अच्छी तरीके से फर्मेंटेशन हो सके. फर्मेंटेशन होने में कम से कम 3 से 4 दिन का समय लगता है

और उसके बाद उस महुआ और उसके पानी को एक अलग स्पेशल महुआ निकालने वाला घड़ा में डाल दिया जाता है और उसका ढक्कन को भी अच्छी तरीके से बंद किया किया जाता है और इस मटका में सिर्फ एक ही मुंह होता है भाप निकलता








जैसे ही इसे नीचे से आग लगाया जाता है तब यह महुआ वाला पानी भाप के रुप में उसके छोटे से मुंह से बूंद बूंद होकर निकलता है और उसे कलेक्ट किया जाता है. और उसके बाद उस चीज को कोई बर्तन या फिर कांच की बोतल में स्टोर करके रखते जाता है और यह खराब भी नहीं होता है काफी लंबे समय तक.
महुआ का दारू पीने के लाभ है की यह पूरा नेचुरल तरीके से बनता है इसमें कोई भी केमिकल नहीं मिलाया जाता है और इसे घर पर ही बनाया जाता है गांव के लोग इसे अपने त्यौहार या शादी या फिर और बहुत सारे फेस्टिवल में इस इस्तेमाल करते हैं और यह बाकी शराब से सस्ते भी होती है इसे कम मात्रा में लिया जाए तो कोई दिक्कत भी नहीं होती है. इसका खुशबू काफी गड़ा होता है और इसे कई प्रकार की बीमारी मैं दवाई के रूप में भी इलाज किया जाता है.
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